फर्जी GST रजिस्ट्रेशन वाले नहीं बचेंगे! आज से शुरू हुआ खास अभियान, छापा पड़ा तो दिखाने पड़ेंगे ये डॉक्यूमेंट्स
Fake GST Registration: फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन का पता लगाने और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के दावे का गलत फायदा उठाने वाले धोखेबाजों की पहचान के लिए केंद्र और राज्यों के कर अधिकारियों ने दो महीने का एक विशेष अभियान शुरू किया है.
(Representative Image: freepik)
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Fake GST Registration: फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन और जीएसटी चोरी से सरकार को बड़ा नुकसान हो रहा है. इसे देखते हुए सरकार अगले दो महीनों के लिए एक खास अभियान चला रही है. फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन का पता लगाने और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के दावे का गलत फायदा उठाने वाले धोखेबाजों की पहचान के लिए केंद्र और राज्यों के कर अधिकारियों ने दो महीने का एक विशेष अभियान शुरू किया है. ऐसे लोग माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के मंच पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उसके आधार पर धोखेबाज फर्जी रसीदों के सहारे आईटीसी के दावे करते हैं और किसी भी तरह की सेवा या उत्पाद की आपूर्ति के बगैर ही वह राशि अपने खाते में जमा करा लेते हैं.
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एक वित्त वर्ष में ₹1 लाख करोड़ से अधिक टैक्स चोरी
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वित्त वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी टैक्स चोरी होने का अनुमान है. इस दौरान जीएसटी आसूचना महानिदेशालय ने 21,000 करोड़ रुपये की कर वसूली भी की. इसे देखते हुए टैक्स अधिकारियों ने फर्जी रजिस्ट्रेशन पर नकेल कसने की कवायद शुरू की है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के जीएसटी नीति प्रकोष्ठ ने पिछले दिनों केंद्रीय कर प्रमुख मुख्य आयुक्तों को लिखे पत्र में कहा था कि फर्जी आईटीसी का लाभ लेने के लिए फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन और फर्जी रसीदें जारी करने का तरीका अपनाया जा रहा है. सीबीआईसी ने कहा था, ‘‘इस तरह से बेइमान लोग संदिग्ध और जटिल लेनदेन के जरिये सरकार को राजस्व का भारी नुकसान पहुंचाते हैं.’’
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कैसे होगी जांच, कैसे चलेगा अभियान?
केंद्र एवं राज्यों के सभी कर विभागों ने 16 मई से 15 जुलाई तक चलने वाला एक विशेष अभियान शुरू किया है. इस दौरान संदिग्ध जीएसटी खातों की पहचान करने के साथ ही फर्जी बिलों को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) से बाहर करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे. इनमें से फर्जी रजिस्ट्रेशन की पहचान के लिए जीएसटीएन पर विस्तृत आंकड़ा विश्लेषण और जोखिम मानकों का सहारा लिया जाएगा.
फर्जी रजिस्ट्रेशन की जानकारी मिलने के बाद संदिग्ध जीएसटी पहचान नंबर के वेरिफिकेशन के लिए तय अवधि में कदम उठाया जाएगा. अगर आधार पर आधारित वेरिफिकेशन प्रोसेस के दौरान संबंधित टैक्सपेयर काल्पनिक पाया जाता है तो उस रजिस्ट्रेशन को निरस्त करने के लिए फौरन कदम उठाए जाएंगे. फिलहाल देशभर में जीएसटी सिस्टम के तहत करीब 1.39 करोड़ टैक्सपेयर्स रजिस्टर्ड हैं. एकसमान अप्रत्यक्ष कर के तौर पर जीएसटी व्यवस्था जुलाई, 2017 में लागू की गई थी.
दिखाने होंगे ये डॉक्यूमेंट्स (GST Registration Documents)
अगर आप के ऑफिस में 16 मई से 15 जुलाई तक जीएसटी ऑफिस से कोई अधिकारी आता है तो आप घबराएं नहीं ,बल्कि मांगे हुए डाक्यूमेंट्स उसको दिखा दे. क्योंकि सरकार ने बोगस जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने वालों पर नकेल कसने की शुरुआत कर दी है. इसके चलते अब अगले 2 महीने सभी जीएसटी धारक का वेरिफिकेशन करने के लिए अधिकारी उनके मौजूदा ऑफिस में जाएंगे और कागजातों की पड़ताल करेंगे. अभी तक करीब 1.39 करोड़ टैक्सपेयर रजिस्टर्ड हो चुके हैं जोकि प्री-जीएसटी से करीब दोगुना हैं, इसी के चलते सरकार ने फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन को पकड़ने की मुहिम चलाई है.
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मांगे जाने वाले डॉक्यूमेंट्स
- जीएसटी सर्टिफिकेट कॉपी
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- रेंट एग्रीमेंट
- लेटेस्ट इलेक्ट्रिसिटी बिल
- कैंसल चेक करेंट बैंक अकाउंट
- परचेज बिल कॉपी
- सेल्स बिल कॉपी
- ऑफिस साइन बोर्ड
(भाषा से इनपुट के साथ)
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01:18 PM IST